श्रृंगार गौरी - ज्ञानवापी मामला : पूजा-पाठ शुरू करने की मांग पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में आज होगी सुनवाई
जिला जज की अदालत में सोमवार को श्रृंगार गौरी - ज्ञानवापी मामला सुनने योग्य है या नहीं इस पर बहस होगी। अंजुमन इंतजामिया
वाराणसी। जिला जज की अदालत में सोमवार को श्रृंगार गौरी - ज्ञानवापी मामला सुनने योग्य है या नहीं इस पर बहस होगी। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से इस मामले को खारिज करने के पक्ष में दलीलें पूरी होने के बाद वादी पक्ष और जिला शासकीय अधिवक्ता पक्ष रखेंगे।
श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दाखिल वाद की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर अदालत में कमेटी की ओर से दलीलें पिछली तारीख (26 मई) पर जारी रही थीं। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में कमेटी की तरफ से अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने दो घंटे तक दलीलें रखी थीं। समयाभाव के चलते जिला जज ने इसे जारी रखते हुए 30 मई की तिथि तय की थी।
इसके अलावा, वादी पक्ष की ओर से वजूस्थल पर मिले शिवलिंग के नीचे की दीवार और बांस बल्ली को हटाकर सर्वे की मांग की गई है, जबकि डीजीसी सिविल ने वजूस्थल के तालाब में बरामद मछलियों को संरक्षित करने की मांग का आवेदन दिया है। दोनों ही आवेदन का निपटारा किया जाना लंबित है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक महेंद्र पांडेय की अदालत में विचाराधीन आदि विश्वेश्वर बनाम राज्य सरकार के वाद में सोमवार को सुनवाई होगी। विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री गोंडा निवासी किरन सिंह व दो अन्य ने यह याचिका दाखिल की है। इसमें यूपी सरकार, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है।
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